Saturday, February 6, 2016

जन आंदोलन नही बल्कि राजनीती से प्रेरित आंदोलन

दिल्ली में सफाई कर्मचारीयों को सरकार  सपोर्ट करना चाहिए न की हड़ताल। आज कोई कर्मचारी ऐसा नही होता की एक महीने की सैलरी न मिलने पर घर न चल सके।  कर्मचारी अगर इतने लापरवाह है की पुरे सिटी की सवच्छता  का ध्यान नही रख सकते तो सरकार को उन पर  महीने की तनख्वाह का जुरमाना लगाना चाहिए। ये जन आंदोलन नही बल्कि राजनीती से प्रेरित आंदोलन लग रहा है। 


 दिल्ली में एमसीडी के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का रविवार को 12वां दिन है। शनिवार को एमसीडी के डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, इंजीनियर्स और शिक्षकों ने अपनी हड़ताल ख़त्म कर दी है। दिल्ली के स्कूलों में अब सोमवार से पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी, लेकिन सफाई कर्मचारी अब भी हड़ताल पर अड़े हुए हैं।

ऐसे में निगम ने हड़ताली कर्मचारियों से सख्ती के साथ निपटने का भी मन बनाया है। दो दिन पहले हाइकोर्ट की फटकार के बाद से दिल्ली नगर निगम के हड़ताली कर्मचारी संगठनों के तेवर नरम पड़े हैं। इसके बाद वे धीरे-धीरे काम पर लौट रहे हैं, हालांकि सफ़ाई कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से दिल्ली में अब भी जगह-जगह कूड़ा बिखरा पड़ा है।

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